पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख और बिहार की राजनीति के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव आज अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। यह दिन उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए किसी त्योहार से कम नहीं होता। इस बार पार्टी ने उनके जन्मदिन को ‘सामाजिक न्याय और सद्भावना दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है, जिसे आगामी 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारियों से भी जोड़ा जा रहा है।
पटना स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर 78 पाउंड का केक काटा गया। लेकिन आयोजन केवल रस्म अदायगी तक सीमित नहीं रहा। यह दिन RJD के लिए कार्यकर्ताओं को संगठित करने, जन भावनाओं को जोड़ने और राजनीतिक संदेश देने का एक महत्वपूर्ण मौका भी बन गया।
‘लालू संदेश’ के जरिए सोशल मीडिया पर विशेष अभियान
लालू यादव भले ही स्वास्थ्य कारणों से सक्रिय राजनीति में कम नजर आते हों, लेकिन उनकी राजनीतिक विरासत और विचारधारा को जनता तक पहुंचाने के लिए RJD ने व्यापक योजना बनाई है। पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ‘लालू संदेश’ अभियान शुरू किया गया है, जिसमें उनके पुराने प्रेरणादायक भाषणों और हालिया बयानों को शामिल किया जा रहा है।
इसका उद्देश्य न केवल पार्टी के परंपरागत मुस्लिम-यादव वोट बैंक को मजबूत करना है, बल्कि अति पिछड़ा और दलित वर्ग के बीच भी उनकी स्वीकार्यता को दोहराना है।
भारत रत्न की मांग और सियासी हलचल
इस वर्ष लालू यादव के जन्मदिन पर RJD और उसके समर्थकों ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की मांग को प्रमुखता दी है। पार्टी का कहना है कि लालू यादव ने सामाजिक न्याय और वंचित वर्गों के उत्थान के लिए जिस तरह से संघर्ष किया है, वह उन्हें इस सर्वोच्च नागरिक सम्मान का हकदार बनाता है। यह मांग न केवल लालू के कद को और ऊंचा करेगी, बल्कि सामाजिक न्याय के प्रति RJD की प्रतिबद्धता को भी दोहराएगी।
2025 के चुनावी अभियान की शुरुआत का मंच
RJD के लिए यह जन्मदिन केवल एक आयोजन नहीं बल्कि 2025 चुनाव अभियान की शुरुआत का प्रतीक बन गया है। पार्टी की योजना है कि इस अवसर से शुरुआत कर वर्ष भर जनसंपर्क अभियानों, कार्यकर्ता बैठकों और सोशल मीडिया अभियान के ज़रिए राजनीतिक ज़मीन को और मजबूत किया जाए।
इस पूरी रणनीति के केंद्र में लालू यादव की छवि, उनकी विचारधारा और जमीनी जुड़ाव को पुनर्जीवित करना है — ताकि कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए उन्हें आगामी चुनाव के लिए तैयार किया जा सके।
बिहार की सियासत में तेज हुई हलचल
RJD की यह सक्रियता निश्चित तौर पर बिहार के सियासी माहौल को प्रभावित कर रही है। लालू यादव का जन्मदिन अब केवल निजी या पार्टी स्तर की खुशी का अवसर नहीं रहा, बल्कि यह महागठबंधन में तेजस्वी यादव के नेतृत्व को मजबूती देने और NDA के जातीय समीकरणों को चुनौती देने का राजनीतिक उपकरण बन गया है।
जहां एक ओर RJD अपने पारंपरिक और नए वोट बैंक को साधने की कोशिश में जुटा है, वहीं NDA को भी अब अपनी रणनीति और तेज करनी होगी। बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव का यह जन्मदिन निश्चित रूप से एक नया अध्याय जोड़ रहा है, जिसकी गूंज आने वाले महीनों तक सुनाई देती रहेगी।
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