इज़राइल-ईरान युद्ध: मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव वर्ल्ड वार की आहट की और संकेत

मध्य पूर्व एक बार फिर वैश्विक चिंता का केंद्र बन गया है, जहां इज़राइल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति तेजी से गंभीर हो रही है। वर्षों से चल रहे वैचारिक, धार्मिक और रणनीतिक मतभेद अब खुली टकराव की ओर बढ़ गए हैं। हाल के हवाई हमलों, ड्रोन हमलों और रॉकेट हमलों ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया है।

इज़राइल का दावा है कि वह अपनी सीमाओं और नागरिकों की रक्षा के लिए ईरान समर्थित संगठनों जैसे हिज़्बुल्लाह और हमास पर हमले कर रहा है। वहीं, ईरान इसे इज़राइल की आक्रामकता करार देता है और जवाबी कार्रवाई की धमकी दे रहा है। इस टकराव में सीरिया और लेबनान जैसे देशों की भी भूमिका बढ़ रही है, जिससे यह संघर्ष एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदलने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियाँ शांति बनाए रखने की अपील कर रही हैं, लेकिन ज़मीनी हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। इस संघर्ष का असर केवल दोनों देशों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था, तेल आपूर्ति और वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि जल्द ही बातचीत और कूटनीतिक समाधान नहीं खोजे गए, तो यह युद्ध भयावह मानव संकट में बदल सकता है। ऐसे समय में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह हस्तक्षेप कर दोनों देशों को शांतिपूर्ण रास्ते पर लौटाए।

मध्य पूर्व में स्थायी शांति के लिए संवाद, समझौता और वैश्विक सहयोग आज पहले से कहीं अधिक आवश्यक हो गया है।

अमेरिकी प्रतिक्रिया

संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस तनाव में मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इज़राइल की कार्रवाई की सराहना करते हुए ईरान को परमाणु डील के लिए दबाव बनाने की बात कही और साथ ही चेताया कि ‘और भी विनाशकारी हमले हो सकते हैं’
दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच वार्ता हो रही है—ट्रम्प ने तेहरान से तत्काल निकासी की अपील की है
लेकिन साथ ही, अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह सीधे हमले में हिस्सा नहीं लेगा—जब तक ईरान अमेरिकी हितों या नागरिकों पर हमला नहीं करता
सुरक्षा के मद्देनजर, यूएस ने मध्य पूर्व व यूरोप में अपने विमान, एयरक्रैफ्ट कैरियर USS Nimitz व समर्थन प्रणालियां तैनात की हैं

रूसी प्रतिक्रिया

रूसी सरकार ने इज़राइल की कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है। विदेश मंत्रालय ने इसे “पूर्ण-माप युद्ध के ज़रिए अपराध” करार देते हुए शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है
पुतिन ने नितन्याहू एवं ईरानी राष्ट्रपति से बात कर कूटनीतिक बातचीत की वकालत की और रूस को मध्यस्थ बनाने की पहल रखी है
विश्लेषकों के अनुसार, यह संकट रूस को एक संभावित ‘पावर‑ब्रोकरी’ बनने का अवसर दे सकता है, क्योंकि रूस दोनों पक्षों से जुड़ा है

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *